मत रहो दूर हमसे इतना की अपने फैसले पर अफसोस हो जाये…
कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी…
की आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये….!!
मत रहो दूर हमसे इतना की अपने फैसले पर अफसोस हो जाये…
कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी…
की आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये….!!
उन्ही लफ्जों के अश्क बनते हैं,
जो जुबां से अदा नहीं होते…!
हम मरना भी उस अंदाज़ में पसंद करते है..!
जिस अंदाज में लोग जीने के लिये तरसते है..!