हजारों फरमाइश से भरे हैं बेटे….
पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियां..
बुढ़ापे मे जहाँ साथ छोड़ देते हैं बेटे..
वहाँ साथ निभाती हैं बेटियाँ..
हजारों फरमाइश से भरे हैं बेटे….
पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियां..
बुढ़ापे मे जहाँ साथ छोड़ देते हैं बेटे..
वहाँ साथ निभाती हैं बेटियाँ..