Inspirational Sher O Shayari – कुछ डरी सहमी ठिठकी और आगे बढ़ गई Uncategorized कुछ डरी सहमी ठिठकी और आगे बढ़ गई.. मजबूर थी क्या करती…गैरत मेरी, जरूरतों को तलाशने बेशर्मी की हद से गुजर गई.