Jazbaat Shayari In Hindi – तुम्हारे भीतर जो है अनकहे Uncategorized तुम्हारे भीतर जो है अनकहे, …….जज़्बात समझती हूं भले तुम नासमझ समझो, ………मगर हर बात समझती हूँ,