Mother Shayari In Hindi – यूंही नहीं गूंजती किल्कारीयां घर Uncategorized यूंही नहीं गूंजती किल्कारीयां, घर आँगन के हर कोने मे, दोस्तों जान हथेली पर रखनी पड़ती है “माँ” को “माँ” होने मे..