दिल मे छूपा रखी है मोहब्बत काले धन की तरह,
खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये.
दिल मे छूपा रखी है मोहब्बत काले धन की तरह,
खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये.
न जवाब न कोई सवाल रहता है ……
मुझे सिर्फ तेरा ख़याल रहता है.
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई
बात नहीं,जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!
नजर में डूबके न आ सके किनारे पे,
अजी हम मर गये थे आपके इशारे पे.
हमने तो उस शहर में भी किया है इंतज़ार तेरा,
जहाँ मोहब्बत का कोई रिवाज़ न था….!
मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है
इस जुर्म में, जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी.
नजर नजर की बात है कि किसे क्या तलाश है
,तू हँसने को बेताब है , मुझे तेरी मुस्कुराहटों की प्यास है.
इतनी मिन्नतों के बाद रुबरू हुए हो,समझ नही
आता तुम्हे देखूँ या तुम मे खो जाऊँ .
तुझे ख़्वाबों में पाकर दिल का क़रार खो ही जाता है,
मैं जितना रोकूँ ख़ुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है.
कैसे हो जाऊँ मैं तुम से जुदा, धडकन के बग़ैर
कोई जिन्दा रह सकता है भला.