Sharaab Shayari – रहता हूँ मयखाने में तो शराबी ना समझ मुझे Uncategorized रहता हूँ मयखाने में तो शराबी ना समझ मुझे … जो मंदिर में रहता है वो, हर शख़्स पुजारी नहीं होता …