तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा,
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा,
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा.
तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा,
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा,
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा.