काफी दिनों से एक ख्वाहिश सी रही है मुझको ….
कि किसी उदास शाम में वो आकर कहें..
बंद करो ये रोना, लो हम लौट आये तुम्हारे लिए.
काफी दिनों से एक ख्वाहिश सी रही है मुझको ….
कि किसी उदास शाम में वो आकर कहें..
बंद करो ये रोना, लो हम लौट आये तुम्हारे लिए.