Paigam Shayari – Ghadi Bhar Sahi Lekin Bahut Aaram Deta Hai
घड़ी भर ही सही,
लेकिन बहुत आराम देता है….
कोई झोंका हवा का,
जब तेरा पैग़ाम देता है…
Baatein Dil Ki Always Rock
घड़ी भर ही सही,
लेकिन बहुत आराम देता है….
कोई झोंका हवा का,
जब तेरा पैग़ाम देता है…
मग़रूर कहती है तो कहती रहे दुनिया,
हम मुड़ के हर एक शख़्श को देखा नही करते।
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
– जिगर मुरादाबादी
तुम्हारे दिल की चुभन भी जरुर कम होगी
किसी के पाँव का काँटा निकाल कर देखो.
-कुंवर बेचैन
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,
भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
जिनकी फितरत मैं जफ़ा होती है
उनको क्या पता वफ़ा क्या होती है
हमको अब हसरत नहीं रही किसीको पाने की,
अब तो बस चाहत है मोहब्बत को भूल जाने की…
जिन्हें हो मोहब्बत का नशा,
उन्हें मयखानों की क्या ज़रूरत…
तेरी ही यादों का चेहरा चमका है …
जब भी तन्हाई के शोले भड़के हैं …. !!
कुछ इसलिये भी ख्वाइशो को मार देता हूँ,
माँ कहती है घर की जिम्मेदारी है तुझ पर