मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे
या फिर अपनी मोहब्बत से नवाज़ दे,
आज बहुत उदास है मन मेरा
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आवाज़ दे
Category: Gair Shayari
Gair Shayari In Hindi – गैर की आरज़ू नही मुझको
गैर की आरज़ू नही मुझको,
तेरी मुहब्बत की तलब है…
Gair Shayari In Hindi – कुछ गैर ऐसे मिले जो
कुछ गैर ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए…..
कुछ अपने ऐसे निकले जो गैर का मतलब बता गए.
Gair Shayari In Hindi – हुआ हर अजनबी अपना..
हुआ हर अजनबी अपना..
जब से तुझसे गैर हुए..
Gair Shayari In Hindi – अरसे से ये ख्याल
अरसे से ये ख्याल
मेरे सीने में सोया है,
वो जो अपना कहता था मुझको कभी
आज किसी गैर की बाहों में सोया है……..!!!!!
Gair Shayari In Hindi – जब तक तुम्हें न देखूं!
जब तक तुम्हें न देखूं!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!
Gair Shayari In Hindi – भले ही किसी गैर का
भले ही किसी गैर का जागीर था वो,
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर था वो,
मुझे मिलता तो कैसे मिलता,
किसी और की हिस्से का तक़दीर था वो
Gair Shayari In Hindi – तेरी हालत से लगता है
तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई
इतनी सादगी से बर्बाद कोई गैर नहीं करता
Gair Shayari In Hindi – वो गैर हो
वो गैर हो चुके हैं , जमाने को खबर है .. !
हम सिर्फ उसी के हैं , मगर वो बेखबर है .. !
Gair Shayari In Hindi – आज मैं गैर हूँ…. कुछ
आज मैं गैर हूँ…. कुछ दिन हुये मैं गैर न था….
मेरी चाहत मेरी उलफत से….. उसे बैर न था…