Jigar Moradabadi Shayari 2 Line Mein – Hosla Dene Wali Hindi Poetry
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
– जिगर मुरादाबादी
Baatein Dil Ki Always Rock
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
– जिगर मुरादाबादी
तुम्हारे दिल की चुभन भी जरुर कम होगी
किसी के पाँव का काँटा निकाल कर देखो.
-कुंवर बेचैन
रिश्ते जताने लोग मेरे घर भी आयेंगे,
फल आये है तो पेड़ पे पत्थर भी आयेंगे..
जब चल पड़े हो सफ़र को तो फिर हौसला रखो,
सहरा कहीं, कहीं पे समंदर भी आयेंगे..
कितना गरूर था उसे अपनी उड़ान पर,
उसको ख़बर न थी कि मेरे पर् भी आयेंगे..
मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो,
इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे..
थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो ‘मिज़ाज’,
सीधे चले तो पीठ में खंज़र भी आयेंगे..
कुछ इसलिये भी ख्वाइशो को मार देता हूँ,
माँ कहती है घर की जिम्मेदारी है तुझ पर
दिखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे मुझे….
करीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने सबक सीख लिए…
ना रख उम्मीद -ए -वफ़ा किसी परिंदे से ‘इक़बाल’,
जब पर निकल आते हैं, तो अपने भी आशियाँ भूल जाते हैं !!
आज़ाद पंछी बनने का मज़ा ही अलग है..
अपनी शर्तों पर जीने का….नशा ही अलग है ..!!
बेटियाँ सब के नसीब में कहाँ होती है…
रब को जो घर पसंद आए वहाँ होती है बेटियां…
दोस्त नाराज़ हो गए कितने
इक ज़रा आइना दिखाने में
रिश्तों पे भरोसा अब कैसे क्यों करोगे
जज़्बात महज़ खेल हुआ खेलते हैं लोग।