Kareeb Shayari In Hindi – दिखा न सकी जो उम्र
दिखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे मुझे….
करीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने सबक सीख लिए…
Baatein Dil Ki Always Rock
दिखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे मुझे….
करीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने सबक सीख लिए…
उम्मीदों का दामन थाम रहे हो,
तो “हौसला” कायम रखना
क्योकि,
जब नाकामियां “चरम”पर हों,
तो “कामयाबी” बेहद करीब होती है
करीब आ, तेरी आंखो में देख लू खुद को
बहुत दिनो से कोई आईना नही देखा
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नही
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की……
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गयी,
और हम औरो को रास्ता दिखाने मे रह गये…
मंजर ही हादसे का बड़ा अजीबो गरीब था……..
वो आग से जला जो नदी के करीब था……
करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे हमें क्योंकि
अहसास बनके दिल में उतरना आदत है मेरी ..
कैसा सितम है आपका यह कि रोने भी नहीं देते…!!
करीब आते नहीं और खुद से जुदा होने भी नहीं देते…!!
आँखों से दूर दिल के करीब था,
मैं उस का वो मेरा नसीब था;
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था।