Nafrat Shayari – तेरी नफ़रत मे वो दम कहाँ


तेरी नफ़रत मे वो दम कहाँ..,
जो मेरी चाहत को कम कर दे.

Nafrat Shayari – इतनी शिद्दत से वो हि नफरत कर सकता है

इतनी शिद्दत से वो हि नफरत कर सकता है..
जिसने प्यार भी उतनी शिद्दत से किया हो…

Nafrat Shayari – इतना भी प्यार किस काम का


इतना भी प्यार किस काम का….
भूलना भी चाहो तो नफरत की हद्द तक जाना पड़े…