Sharaab Shayari – नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया
नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया….
डूबोई उनकी तस्वीर पानी मे और घूँट घूँट पी लिया…!
Baatein Dil Ki Always Rock
नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया….
डूबोई उनकी तस्वीर पानी मे और घूँट घूँट पी लिया…!
लोग कहते हे शराब पीने से कलेजा जलता हे…
और हम कहते हे शराब
तभी पी जाती हे जब कलेजा जलता हे।।
एक पल में ले गयी मेरे सारे गम खरीद कर…
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब की..
कल बड़ा शोर था मयखाने में,
बहस छिड़ी थी जाम कौन सा बेहतरीन है..
हमने तेरे होठों का ज़िक्र किया,
और बहस खतम हुयी..!!
बैठे हैं हम पीने आज सालों बाद,
होश से कह दो मेरा उससे कोई वास्ता नहीं।
कभी देखेंगे ए-जाम तुझे होठों से लगाकर,
कि मुझमे तू उतरता है कि तुझमे मैं उतरता हूँ…
ना ज़ख्म भरे,ना शराब सहारा हुई..!!
ना वो वापस लौटीं,ना मोहब्बत दोबारा हुई..!!
कदम रखना सम्हल कर महफिले-रिंदा में ए जाहिद,
यहां पगडी उछलती है, इसे मयखाना कहते है..
रहता हूँ मयखाने में तो शराबी ना समझ मुझे …
जो मंदिर में रहता है वो, हर शख़्स पुजारी नहीं होता …
सिर्फ़ परेशाँ जाते हैं…
मंदिर भी मयखाने भी…!!!