Sharaab Shayari – नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया


नही थे पैसे एक दिन पीने के लिये तो यूँ किया….
डूबोई उनकी तस्वीर पानी मे और घूँट घूँट पी लिया…!

Sharaab Shayari – एक पल में ले गयी मेरे सारे गम खरीद कर

एक पल में ले गयी मेरे सारे गम खरीद कर…
कितनी अमीर होती है ये बोतल शराब की..

Sharaab Shayari – बैठे हैं हम पीने आज सालों बाद


बैठे हैं हम पीने आज सालों बाद,
होश से कह दो मेरा उससे कोई वास्ता नहीं।

Sharaab Shayari – कदम रखना सम्हल कर महफिले-रिंदा में ए जाहिद

कदम रखना सम्हल कर महफिले-रिंदा में ए जाहिद,
यहां पगडी उछलती है, इसे मयखाना कहते है..

Sharaab Shayari – सिर्फ़ परेशाँ जाते हैं


सिर्फ़ परेशाँ जाते हैं…
मंदिर भी मयखाने भी…!!!