Tareef Shayari – खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की
खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की..
शायद खिड़की खुली रेह गई होगी उनके मकान की..
Baatein Dil Ki Always Rock
खुशबु आ रही है कहीं से ताज़े गुलाब की..
शायद खिड़की खुली रेह गई होगी उनके मकान की..
सुबह का मतलब मेरे लिए सूरज निकलना नही,
तेरी मुस्कराहट से दिन शुरू होना है…
ये अदा ये अंदाज यु मुस्कराना तेरा,
कईयों को डुबो गया आखो के सागर में…
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में..,
जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाए॥….
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,
तन्हाई मैं खुद अपनी तस्वीर न देखा कर …
बहुत खूबसूरत है आखै तुम्हारी,
इन्हें बना दो किस्मत हमारी.
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…
आँखों में तेरी कोई करिश्मा ज़रूर है…
तू जिसको देख ले;
वो बहकता ज़रूर है…
बहुत खुबसूरत है हमारा सनम |
खुदा ऐसा चेहरा बनाता है कम ||
डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में,
एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए.
चांद रोज़ छत पर आकर इतराता बहुत था,
कल रात मैंने भी उसे तेरी तस्वीर दिखा दी.