Wafa Shayari In Hindi – जिनकी फितरत मैं जफ़ा होती
जिनकी फितरत मैं जफ़ा होती है
उनको क्या पता वफ़ा क्या होती है
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जिनकी फितरत मैं जफ़ा होती है
उनको क्या पता वफ़ा क्या होती है
ना रख उम्मीद -ए -वफ़ा किसी परिंदे से ‘इक़बाल’,
जब पर निकल आते हैं, तो अपने भी आशियाँ भूल जाते हैं !!
हमें गुमाँ था वफ़ा पर जिनकी, आज़माईश में बेरहम निकले।
दुश्मनी तो निभा गए बेपनाह, आश्नाई में थोड़े कम निकले।
अजीब तमाशा हैं मिट्टी के बने लोगों का…..
बेवफाई करो तो रोते हैं,वफ़ा करो तो रुलाते हैं….!!
मेरी किस्मत में है एक दिन गिरफ्तार-ए-वफ़ा होना,
मेरे चेहरे पे किसी के इश्क का इलज़ाम लिखा है |
देखी गई न हम से शिकस्त-ए-ग़ुरूर-ए-हुस्न
शरमा गए इरादा-ए-तर्क-ए-वफ़ा से हम
गुज़र गया दिन अपनी तमाम रौनके लेकर ….
ज़िन्दगी ने वफ़ा की तो कल फिर सिलसिले होंगे…!!
ये शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे
किसे क्या ख़बर है कहाँ टूट जायें
मुहब्बत के दरिया में तिनके वफ़ा के
न जाने ये किस मोड़ पर डूब जायें…
दिलसे रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे
यूँ ही हम किसीसे वफ़ा निभा बेठे
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे
तुम वफ़ा करो या जफ़ा करो,
किरदार तुम्हारा तुम जानो ।
हम तो वफ़ा के आशिक हैं,
तुम सच मानो या ना मानो ।।