Sahir Ludhianvi Ghazal – Mayus To Hun Vade Se Tere Kuchh Aas Nahi Kuchh Aas Bhi Hai


मायूस तो हूं वायदे से तेरे, कुछ आस नहीं कुछ आस भी है.
मैं अपने ख्यालों के सदके, तू पास नहीं और पास भी है.

दिल ने तो खुशी माँगी थी मगर, जो तूने दिया अच्छा ही दिया.
जिस गम को तअल्लुक हो तुझसे, वह रास नहीं और रास भी है.

पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी.
दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है.

Sahir Ludhianvi Ghazal – Khoon Apna Ho Ya Paraya Ho

ख़ून अपना हो या पराया हो
नस्ले-आदम का ख़ून है आख़िर
जंग मग़रिब में हो कि मशरिक में
अमने आलम का ख़ून है आख़िर

बम घरों पर गिरें कि सरहद पर
रूहे-तामीर ज़ख़्म खाती है
खेत अपने जलें या औरों के
ज़ीस्त फ़ाक़ों से तिलमिलाती है

टैंक आगे बढें कि पीछे हटें
कोख धरती की बाँझ होती है
फ़तह का जश्न हो कि हार का सोग
जिंदगी मय्यतों पे रोती है

इसलिए ऐ शरीफ इंसानो
जंग टलती रहे तो बेहतर है
आप और हम सभी के आँगन में
शमा जलती रहे तो बेहतर है।

Sahir Ludhianvi Ghazal – Har Cheez Zamane Ki Jahan Par Thi Vahin Hai

हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी वहीं है,
एक तू ही नहीं है

नज़रें भी वही और नज़ारे भी वही हैं
ख़ामोश फ़ज़ाओं के इशारे भी वही हैं
कहने को तो सब कुछ है, मगर कुछ भी नहीं है

हर अश्क में खोई हुई ख़ुशियों की झलक है
हर साँस में बीती हुई घड़ियों की कसक है
तू चाहे कहीं भी हो, तेरा दर्द यहीं है

हसरत नहीं, अरमान नहीं, आस नहीं है
यादों के सिवा कुछ भी मेरे पास नहीं है
यादें भी रहें या न रहें किसको यक़ीं है

Sahir Ludhianvi Ghazal – Ab aaye Ya Na Aaye Idhar Puchhte Chalo

अब आए या न आए इधर पूछते चलो
क्या चाहती है उनकी नज़र पूछते चलो

हम से अगर है तर्क-ए-ताल्लुक़ तो क्या हुआ
यारो ! कोई तो उनकी ख़बर पूछते चलो

जो ख़ुद को कह रहे हैं कि मंज़िल शनास हैं
उनको भी क्या ख़बर है मगर पूछते चलो

किस मंज़िल-ए-मुराद की जानिब रवाँ हैं हम
ऐ रहरवान-ए-ख़ाक बसर पूछते चलो

Sahir Ludhianvi Ghazal – Mere Khwabon Ke Jharokon Ko Sajane Wali


मेरे ख्वाबों के झरोकों को सजाने वाली

तेरे ख्वाबों में कहीं मेरा गुज़र है कि नहीं

पूछकर अपनी निगाहों से बतादे मुझको

मेरी रातों की मुक़द्दर में सहर है कि नहीं

चार दिन की ये रफ़ाक़त जो रफ़ाक़त भी नहीं

उमर् भर के लिए आज़ार हुई जाती है

जिन्दगी यूं तो हमेशा से परेशान सी थी

अब तो हर सांस गिरांबार हुई जाती है

मेरी उजड़ी हुई नींदों के शबिस्तानों में

तू किसी ख्वाब के पैकर की तरह आई है

कभी अपनी सी कभी ग़ैर नज़र आती है

कभी इख़लास की मूरत कभी हरजाई है

प्यार पर बस तो नहीं है मेरा लेकिन फिर भी

तू बता दे कि तुझे प्यार करूं या न करूं

तूने ख़ुद अपने तबस्सुम से जगाया है जिन्हें

उन तमन्नाओ का इज़हार करूं या न करूं

तू किसी और के दामन की कली है लेकिन

मेरी रातें तेरी ख़ुश्बू से बसी रहती हैं

तू कहीं भी हो तेरे फूल से आरिज़ की क़सम

तेरी पलकें मेरी आंखों पे झुकी रहती हैं

तेरे हाथों की हरारत तेरे सांसों की महक

तैरती रहती है एहसास की पहनाई में

ढूंढती रहती हैं तख़ईल की बाहें तुझको

सर्द रातों की सुलगती हुई तनहाई में

तेरा अल्ताफ़-ओ-करम एक हक़ीक़त है मगर

ये हक़ीक़त भी हक़ीक़त में फ़साना ही न हो

तेरी मानूस निगाहों का ये मोहतात पयाम

दिल के ख़ूं का एक और बहाना ही न हो

कौन जाने मेरी इम्रोज़ का फ़र्दा क्या है

क़ुबर्तें बढ़ के पशेमान भी हो जाती है

दिल के दामन से लिपटती हुई रंगीं नज़रें

देखते देखते अंजान भी हो जाती है

मेरी दरमांदा जवानी की तमाओं के

मुज्महिल ख्वाब की ताबीर बता दे मुझको

तेरे दामन में गुलिस्ता भी है, वीराने भी

मेरा हासिल मेरी तक़दीर बता दे मुझको

Sahir Ludhianvi Filmi Songs – Tum Na Jane Kis Jahan Mein Kho Gaye

तुम न जाने किस जहाँ में खो गए

हम भरी दुनिया में तनहा हो गए

मौत भी आती नहीं, आस भी जाती नहीं

दिल को यह क्या हो गया, कोई शैय भाती नहीं

लूट कर मेरा जहाँ, छुप गए हो तुम कहाँ

एक जाँ और लाख ग़म, घुट के रह जाए न दम

आओ तुम को देख लें, डूबती नज़रों से हम

लूट कर मेरा जहाँ, छुप गए हो तुम कहाँ

तुम न जाने किस जहाँ में खो गए

हम भरी दुनिया में तनहा हो गए

Sahir Ludhianvi Filmi Songs – Ab Koi Gulshan Na Ujde Ab Vatan Azad Hai

अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है

खेतियाँ सोना उगाएँ, वादियाँ मोती लुटाएँ
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है

मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ाँ
शेख का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है

लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है

Sahir Ludhianvi Filmi Songs – Jeevan Ke Safar Mein Rahi Milte Hai Bichhad Jane Ko

जीवन के सफ़र में राही, मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें, तनहाई में तड़पाने को
जीवन के सफ़र…

ये रूप की दौलत वाले, कब सुनते हैं दिल के नाले
तक़दीर न बस में डाले, इनके किसी दीवाने को
जीवन के सफ़र…

जो इनकी नज़र से खेले, दुख पाए मुसीबत झेले
फिरते हैं ये सब अलबेले, दिल लेके मुकर जाने को
जीवन के सफ़र…

दिल लेके दगा देते हैं, इक रोग लगा देते हैं
हँस हँस के जला देते हैं, ये हुस्न के परवाने को
जीवन के सफ़र…

अब साथ न गुज़रेंगे हम, लेकिन ये फ़िज़ा रातों की
दोहराया करेगी हरदम, इस प्यार के अफ़साने को
जीवन के सफ़र…

Sahir Ludhianvi Filmi Songs – Chhu Lene Do Najuk Honthon Ko

छू लेने दो नाज़ुक होठों को
कुछ और नहीं हैं जाम हैं ये
क़ुदरत ने जो हमको बख़्शा है
वो सबसे हँसीं ईनाम हैं ये

शरमा के न यूँ ही खो देना
रंगीन जवानी की घड़ियाँ
बेताब धड़कते सीनों का
अरमान भरा पैगाम है ये, छू लेने दो …

अच्छों को बुरा साबित करना
दुनिया की पुरानी आदत है
इस मय को मुबारक चीज़ समझ
माना की बहुत बदनाम है ये, छू लेने दो …

Sahir Ludhianvi Ghazal – Ye Husn Tera Ye Ishq Mera


ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा
रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे
तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही

इस रात की निखरी रंगत को
कुछ और निखर जाने दे ज़रा
नज़रों को बहक जाने दे ज़रा
ज़ुल्फ़ों को बिखर जाने दे ज़रा
कुछ देर की ही तस्कीन सही
कुछ देर का ही आराम सही

जज़्बात की कलियाँ चुनना है
और प्यार का तोहफ़ा देना है
लोगों की निगाहें कुछ भी कहें
लोगों से हमें क्या लेना है
ये ख़ास त’अल्लुक़ आपस का
दुनिया की नज़र में आम सही

रुसवाई के डर से घबरा कर
हम तर्क-ए-वफ़ा कब करते हैं
जिस दिल को बसा लें पहलू में
उस दिल को जुदा कब करते हैं
जो हश्र हुआ है लाखों का
अपना भी वही अंजाम सही

ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा
रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे
तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही