अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
– जिगर मुरादाबादी
Baatein Dil Ki Always Rock
अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल
हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया
– जिगर मुरादाबादी
बदल दिये है हमने अब नाराज होने के तरीके
रूठने के बजाय बस हल्का सा मुस्कुरा देते है.
वो जो इश्क़ था वो जुनून था,
ये जो हिज्र है ये नसीब है
न जाने रूठ के बैठा है दिल का चैन कहॉं
मिले तो उसके हमारा केई सलाम कहे
चुप रहकर उसने जो जवाब दिए थे
वे आज भी मेरे जेहन में गूँजते हैं .!!
किसी के आने की हम लेके आस बैठे है,
निगाहें दर पर लगी है ,,ओर उदास बैठे है