Magrur Shayari 2 Line Mein – Hum Mud Ke Har Ek Shakhsh Ko Dekha Nahi Karte
मग़रूर कहती है तो कहती रहे दुनिया,
हम मुड़ के हर एक शख़्श को देखा नही करते।
Baatein Dil Ki Always Rock
मग़रूर कहती है तो कहती रहे दुनिया,
हम मुड़ के हर एक शख़्श को देखा नही करते।
हम मरना भी उस अंदाज़ में पसंद करते है..!
जिस अंदाज में लोग जीने के लिये तरसते है..!
अगर तुम अपने पापा की “परी” हो, तो हम
भी अपने बाप के “नवाब” है !
जीना तो हमे भी बिंदास आता है..
लेकिन ज़िंदगी आजकल कुछ नाराज़ है हमसे…
मुझसे मिलने में ईक खराबी है,
फिर किसी ओर के नही रहोगे तुम।
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो अब भी जिसे हासिल नहीं हैं हम.
मेरी फितरत में खामोशी नहीं है…
मैं एक हंगामा हूँ, जो बोल पड़ता है…
कबूल करो मुझे बिना आजमाए हुए,
कि हीरा परखे बगैर भी हीरा होता है !!
किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह मेरे दिल में,
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता……
माना कि बहुत कीमती है वक़्त तेरा मगर…
हम भी नवाब हैं बार-बार नहीं मिलेंगे…!!