Bahut Hi Lajwab Hindi Ghazal Shayari – तो पेड़ पे पत्थर भी आयेंगे


रिश्ते जताने लोग मेरे घर भी आयेंगे,

                फल आये है तो पेड़ पे पत्थर भी आयेंगे..

जब चल पड़े हो सफ़र को तो फिर हौसला रखो,

                सहरा कहीं, कहीं पे समंदर भी आयेंगे..

कितना गरूर था उसे अपनी उड़ान पर,

                उसको ख़बर न थी कि मेरे पर् भी आयेंगे..

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मशहूर हो गया हूँ तो ज़ाहिर है दोस्तो,

                इलज़ाम सौ तरह के मेरे सर भी आयेंगे..

थोड़ा सा अपनी चाल बदल कर चलो ‘मिज़ाज’,

                सीधे चले तो पीठ में खंज़र भी आयेंगे..

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