Izhaar Shayari In Hindi – हयात को तिरी दुश्वार किस
हयात को तिरी दुश्वार किस तरह करता
मैं तुझ से प्यार का इज़हार किस तरह करता
Baatein Dil Ki Always Rock
हयात को तिरी दुश्वार किस तरह करता
मैं तुझ से प्यार का इज़हार किस तरह करता
पाया भी उनको, खो भी दिया, चुप भी हो रहे
इक मुख़्तसर सी रात में सदियाँ गुज़र गईं
ज़िन्दगी जिस का बड़ा नाम सुना है हम ने,
एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं…
मनाना मुश्किल होता हैं कभी कभी उनको
की जब नाराज़ भी न हो और बात भी न करे ।
कुछ गैर ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए…..
कुछ अपने ऐसे निकले जो गैर का मतलब बता गए.
ज़ख़्म-ए-दिल और हरा ख़ून-ए-तमन्ना से हुआ
तिश्नगी का मिरी आग़ाज़ ही दरिया से हुआ
मंज़िल हमारे करीब से गुज़र गयी,
और हम औरो को रास्ता दिखाने मे रह गये…
दूर भी है और पास भी रहता है
वो शख्स बहुत उदास रहता है
बदलते नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरह.
बेपनाह इश्क़ करने की ख्वाहिश मेरी आज भी है….
ज़रूरतों ने उनकी,
कोई और ठिकाना ढूंढ लिया शायद
एक अरसा हो गया, मुझे हिचकी नहीं आई.