नज़ाकत तुम में है…*
इबादत तुम में है…
शरारत तुम में है…
कशिश भी तुम में है…
मुझ में भी मैं कहाँ बचा अब…
*मेरा जो कुछ भी है, सब तुम में है।
Baatein Dil Ki Always Rock
नज़ाकत तुम में है…*
इबादत तुम में है…
शरारत तुम में है…
कशिश भी तुम में है…
मुझ में भी मैं कहाँ बचा अब…
*मेरा जो कुछ भी है, सब तुम में है।