Yaad Shayari – मै रात भर सोचता मगर फैंसला न कर सका


मै रात भर सोचता मगर फैंसला न कर सका,
तू याद आ रही है या मैं याद कर रहा हूँ.

Yaad Shayari – खर्च जितना भी करुं बढ़ती जाती है

खर्च जितना भी करुं बढ़ती जाती है
ये यादे तेरी अजीब दौलत है…

Yaad Shayari – खुदा भी आखिर पूछेगा मुजसे


खुदा भी आखिर पूछेगा मुजसे..
मुजे पांच वक़्त और उसे हर वक़्त..???

Yaad Shayari – तुम्हारी याद जैसे किसी ग़रीब की गरीबी

तुम्हारी याद जैसे किसी ग़रीब की गरीबी,,
कमबख्त बढ़ती ही चली जा रही है…

Yaad Shayari – हम उन दिनों अमीर थे


हम उन दिनों अमीर थे,
जब तुम करीब थे ……